Wednesday, July 7, 2010

SIS के साथ दूसरा दिन

हेलो ब्लोग्गेर्स ,,
दुसरे दिन सुबह की दुकानदारी के बाद कॉलेज जाने की जल्दी थी पता नहीं क्यों, मैं समय से १५ मिनट पहले ही कॉलेज पहुच गया और मन में sis का इंतजार था। sis अपनी सहेलियों के साथ कॉलेज आई । फर्स्ट period के बाद मैं उसके पास गया और पूछा आज मूड कैसा है " मेरे मूड को क्या हुआ, आप बताओ भैया " मैंने कहा मैं तो एकदम बढ़िया हूँ । "आप यही बैठो " मैं उसके साथ बैठ गया, --- और इधर उधर की पढाई की बातें ----
कब कॉलेज का टाइम ख़त्म हुआ पता नहीं चला । sis बोली भैया मुझे fruit & nut chocolate बहुत पसंद है , अपनी बहन के लिए लेकर आना,, और मैं कुछ बोले बिना अपनी गाड़ी स्टार्ट करके वापस आ गया ॥
अब शाम को कमीने दोस्तों का फ़ोन आया, तू सबसे लक्की है और उल जुलूल बातें ,, मैंने उन्हें डांट कर फ़ोन रख दिया,, रात को सपने में देखा तो sis थी, " भैया chocolate लाया (लाये नहीं लाया ) " एकदम तेजी से नींद खुल गयी, और आँख में खूब आसूं भरे थे। मुझे लगा शायद भगवन जी ने मेरी सुन ली और एकं प्यारी नन्ही सी बहन दे दी, फिर नींद ही नयी आई। आगे अगली बार तब तक के लिए प्रणाम

2 comments:

  1. धन्‍यवाद अंकुर जी, आप अपनी भावनांए व अनुभव डायरी की शक्‍ल में इसी तरह से यहां लिख सकते हैं किन्‍तु प्रयास करें अनुभव व भावनांए व्यक्तिगत होते हुए भी लोगों के रूचि के हों तभी वे आपके ब्‍लाग पोस्‍टों को पढेंगें.
    वर्तमान में हिन्‍दी ब्‍लॉग में किस तरह के व्‍यक्तिगत डायरी स्‍टाईल पोस्‍ट लिखें जा रहे हैं इसे जानने के लिए विभिन्‍न ब्‍लॉगों का अवलोकन पाठन करेंगें तो शव्‍दों में निखार स्‍वमेव आता जायेगा.

    स्‍नेह सहित

    संजीव

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  2. chalo bandhu ham bhi yahan aapke shabdo me likhi aapki bhaavnayein padh rahe hain.....
    khushi hui chhattisgarh se ek aur blog dekh kar...
    jari rakhein likhna, band karein fir se.
    shubhkamnayein....

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