Tuesday, July 6, 2010

आगे की स्टोरी

SIS ने कहा मेरी तबियत ठीक नहीं है । मैंने कहा तुम झूठ बोल रही हो,, मुझे सच बताओ, तब उसने कहा की वो बहुत टेंशन में है, " किस से सम्बंधित " तो SIS बोली घर से ।
मैंने कहा तुम पागल हो, घर का क्या टेंशन " आप नहीं समझोगे आपको भगवान् जी ने सब अच्छा दिया है न कभी मेरी जैसी ज़िन्दगी जीके देखो तब पता चलेगा।
बात तो ऐसे कर रही हो जैसे रोज घर में महाभारत होती है, कौन कौन हैं तुम्हारे घर में ?
माँ पापा और बड़ा भाई ,,, आप छोडो भैया ये सब बात और बताओ आपके घर में कौन कौन है ??
मैंने कहा -- माँ पापा और छोटा भाई।
बस आपकी कोई बहन नहीं है ???
नहीं बस ४ लोग हैं।
तो फिर मैं आज से आपकी बहन हुई । बनाओगे मुझे अपनी बहन ??
कोई तमाशा है क्या ??
क्यों मैं ख़राब हूँ क्या ???
नहीं पर कुछ ज्यादा अच्छी हो ।
पर मुझे थोडा टाइम दो ।
त्रीईईन घंटी बजी और क्लास ख़त्म।

मैं अपनी बाइक से घर वापस आ गया और दुकान पर बैठ गया
यहाँ आप सबको ये बता दूँ की मेरे घर पर cement का व्यापार है
दिन भर की दुकान के बाद रात में पता नहीं कैसे sis का ख्याल आया । और यही सोचते हुए कब आँख लग गई पता ही नहीं चला। सुबह की बातें अगली बार तब तक के लिए प्रणाम

4 comments:

  1. welcome, exploration is right

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  2. इस सुंदर से चिट्ठे के साथ आपका हिंदी ब्‍लॉग जगत में स्‍वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!

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  3. आ रहा हूं सीमेंट खरीदने
    सीमेंट वो चाहिए जिससे
    दिल जुड़ सकें
    मैल के बंद हो सकें द्वार।

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