Sunday, July 11, 2010

मेरे घर में

हेलो ब्लॉगर्स,,
sis और चाची घर आये और माँ से चाची की खूब सारी बातें हुई। माँ और चाची की भी खूब जमने लगी, ऐसे ही समय कटता गया, १३ अगस्त राखी का दिन आया, उसके पहले ही दिन मैंने बहन को कॉल किया और समझाया की बहन हमारा रिश्ता मन का है तू ये मत सोचना की भाई तुझसे घर आकर राखी पहनेगा तभी कुछ होगा । हमारा रिश्ता मन का है और हम भाई बहन ऐसे ही रहेंगे उसने कहा हाँ भाई मैं समझती हूँ । मैं भगवान् जी से रोज बहन के लिए प्रार्थना करने लगा और भगवान् जी हमेशा मेरी सुनते थे, मेरा sis के घर जाना भी होने लगा, sis के पास अपना मोबाइल भी हो गया, एक दिन अचानक ७:३० बजे sis का फ़ोन आया भाई मुझे आज के बाद कॉल या मेसज नहीं करना " क्यों ??" बस जितना बोला उतना समझा कर भाई,, प्लीज मुझे फ़ोन नहीं करना,, और अपना ध्यान रखना हमारा भाई बहन का रिश्ता ऐसा ही रहेगा ,, बाय

मेरी तो जैसे जान ही निकल गई,, उसका मोबाइल स्विच बंद हो गया,, आगे की बात अगली बार तब तक के लिए प्रणाम...

1 comment:

  1. so cute.......just read your story very interetsing.....

    bye take care

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