Tuesday, July 13, 2010

एक अजीब सा अल्प विराम

हेलो ब्लॉगर्स,,
sis ने उतना बोलकर फ़ोन रख दिया,, मेरी तो जैसे जान ही निकल गयी, कुछ समझ में नहीं आ रहा था क्या करूँ,, कम से कम १०० बार sis को फ़ोन लगाया,, हर बार मोबाइल बंद था,, पर मेरे पास कोई विकल्प नहीं था,, रात भर इस कशमकश में नींद नहीं आई,, सुबह ५ बजे मोबाइल बजा देखा तो sis थी,, तुरंत फ़ोन रिसीव किया,, " क्या हुआ बहन, मुझसे कोई गलती हुई क्या ??,, एक बार माफ़ कर दे आगे से ऐसा नहीं होगा"" भाई भाई मेरी बात तो सुन,,
कल किसी ने चाचा जी से हमारे बारे में कुछ उल्टा सीधा कह दिया,, चाचा जी ने मुझे कहा की तुम अब बात नहीं करोगी, लोग बातें बना रहे हैं और तुम्हे घर भी आने को मन किया है,, और sis रोने लगी,, उसे समझा कर चुप कराया मैंने कहा थोड़े दिन इंतज़ार कर सब अपने आप ठीक हो जाएगा,, और करीब ७-८ दिनों बाद सब कुछ नोर्मल हो गया,,
लेकिन इन ७-८ दिनों में मैंने ये जाना की किसी अपने के थोडा सा दूर जाने का दर्द कितना होता है,, आप सभी से अनुरोध है किसी का भी दिल दुखाने से पहले कई बार सोचिये,, आगे की बात अगली बार तब तक के लिए प्रणाम

2 comments:

  1. बहुत अच्‍छा और सच्‍चा लिख रहे हो। जारी रहे कलम। खटखटाते रहो कीबोर्ड। मनराग बजाते रहो। सबको लुभाते रहो। जो सोचते हैं सब। वो सब लिख दिखाओ अब।

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  2. hhuuuummmm तो आपने मेरी पोस्ट पर कहा की आप नए ब्लोगर है लेकिन अभी मैंने आपके प्रोफाइल पर आपकी उम्र देखी 1025 भई इस उम्र के हिसाब से तो आप हम सब में सबसे सीनियर हुए तो आपको हमारी सलाह की क्या ज़रूरत ???? वैसे अच्छा लिखते है और लिखते रहे !

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