Thursday, July 22, 2010

लड़के के घर पर

हेलो ब्लॉगर्स,,
मैं दुसरे ही दिन शाम को विजू के घर गया, विजू घर पर अकेला रहता था, मैंने पुचा और कौन कौन है?
विजू - माँ, पापा, भैया और भाभी पर सब गाँव में रहते हैं,
लेकिन उन्हें जल्दी यहाँ शिफ्ट कर लूँगा,
"विजू भैया आपकी शादी का क्या विचार है ??"
यार रिश्ते तो आने लगे हैं लेकिन कोई अच्छा सा नहीं आया॥
" अच्छा सा मतलब पैसे वाला ? "
नहीं यार मतलब कोई लड़की समझ नहीं आई ,,
दोस्तों इस मुलाकात में मैंने वो सब बातें पता कर ली जो एक भाई को बहन के लिए जानना जरुरी होता है ,,और मैं लड़के hकी तरफ से १०० % शोर्ट में कहूँ तो लड़का मेरे जीजू बनाने के लायक था,,
अब मैं उसके दोस्तों से उसकी पतासाजी करने में लग गया,, १-२ दिन में सभी जगह से रिपोर्ट एकदम सही मिली, मैं अपनी तरफ से पूरा संतुष्ट था,, अब मैं चाची के पास पंहुचा और चाचा चाची को पूरी बात बताई,, उन्हें यह भी बताया की ठीक ५ दिन बाद लड़के के माँ पिताजी आने वाले हैं १ हफ्ते के लिए,, चाचा चाची खुश थे ,,

दुसरे दिन सुबह माँ के पास चाची का फ़ोन आया पूछने के लिए के फोटो भेजने के लिए किस स्टूडियो में खिचवायें ?
माँ बोली यहाँ शादी के लायक कोई नहीं खिचता फिर भी कोशिश करते हैं शाम को आजा,,
पर रिजल्ट वही निकला bahan की फोटो bahut ख़राब आई ,, पापा फोटो देखकर और नाराज़ हो गए ,,
२ दिन इन्ही सब में निकल गया,, चाची का मेरे पास फ़ोन आया की क्या करें ??
" चाची जी आप माँ से बोलो फोटो खीचने रायपुर चलने को थोडा फोर्स करना तो तैयार हो जाएँगी,,
बहुत न नुकुर के बाद सुबह रायपुर जाना सुबह ५ बजे तय हुआ,,

दोस्तों रायपुर माँ, चाची, बहन और मैं ,, हम चारो का जाना तय हुआ, बहन से बात हुई की हम भाई बहन साथ में जायेंगे शायद ये हमारी ज़िन्दगी का सबसे प्यारा मौका होगा बहन और हम भाई बहन रोने लगे.. अब सोना है न सुबह ५ बजे रायपुर जाना है,,

रायपुर का वो सफ़र मेरी ज़िन्दगी का सबसे यादगार सफ़र है,,

रायपुर की कहानी ख़ुशी और आसुओं के साथ अगली बार तब तक के लिए प्रणाम

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