Saturday, December 3, 2011

इसे जरुर पढ़िए

मित्रो प्रणाम,
आज बहुत दिनों बाद ब्लॉग की दुनिया में वापसी कर रहा हूँ,, आप सब से एक सलाह चाहता हूँ की अपनी भाई बहन की कहानी आगे लिखूं या कोई और कहानी प्लीज बताइयेगा जरुर,, आपके कमेन्ट का इंतज़ार कर रहा हूँ,,

Sunday, February 6, 2011

कुंडली मिली या नहीं ???

हेलो ब्लॉगर्स,,
मैं और माँ सुबह ९ बजे घर से निकले, करीब ११ बजे रतनपुर पहुचे और माँ महामाया का दर्शन किये, ( महामाया रतनपुर शक्तिपीठ में से एक है ) फिर पंडित जी के घर पहुचे, करीब आधा घंटा तक discuss करने के बाद पंडित जी ने बताया की कुंडली मिलन में नाड़ी दोष आ रहा है,, अतः ये शादी संभव नहीं है, और पहली बार चली शादी की बात आगे बढ़ने के पहले ही रुक गई या ऐसा कहिये की सपना टूट गया, हा हा हा !! बिलासपुर से खरीददारी करते हुए हम रात तक घर पहुचे,, रात करीब ९.३० बजे सतना से फ़ोन आया की उन्होंने भी कुंडली मिलवाई थी और नाड़ी दोष आ रहा है जी, तो रिश्ते की बात आगे नहीं बढ़ सकती ,, पापा ने कहा हम भी आज ही कुंडली मिलवाने गए थे और वगैरह वगैरह ,, रात १० बजे बहन से बात हुई उसे बताया की ऐसा हुआ वो हँसने लगी बोली मैं खुश होऊं या दुखी ???
ब्लॉगर्स बहन को ये लग रहा था की अगर ये रिश्ता आगे बढ़ा तो उसका भाई मतलब मैं उससे दूर हो जाऊंगा ,, लेकिन ऐसा सोचूंगी तो भाई की भी तो ज़िन्दगी है ,, अब आप बताइए की बहन का reaction क्या होना चाहिए था ???
कमेन्ट जरुर करियेगा,, आगे की पोस्ट तक के लिए प्रणाम !!!!

Friday, February 4, 2011

लड़की कैसी थी ये जानना नहीं चाहेंगे ???

हेलो ब्लॉगर्स ,,
सावधान अगर मेरा ब्लॉग पढ़ रहे हैं तो कमेन्ट जरुरी है नै तो मिलना फिर बताऊंगा हा हा हा !!!! फोटो जैसे ही हाथ में लगी अब तो देखने की हड़बड़ी थी, सच बता रहा हूँ लड़की बहुत सुन्दर थी, वो लोग दो फोटो देकर गए थे, एक में लड़की ने चश्मा लगाया हुआ था, ये बात अच्छी लगी की उन्होंने ये बता दिया की लड़की चश्मा लगाती है, मतलब कुछ छुपाया नहीं खैर ये बात मेरे या मेरे परिवार के लिए कोई मायने नहीं रखती थी, हाँ तो घर में फोटो सबको बहुत पसंद आई, मैंने बिट्टी दीदी ( रायपुर वाली ) को फ़ोन लगाया वो भी खुश हुई,, अब बात आई कुंडली मिलाने की,, ( हमारे यहाँ पर कुंडली मिलन जरुरी माना जाता है ) हमारे एक पूजनीय पंडित जी हैं श्री विश्वनाथ शर्मा ( प्रसिद्ध ज्योतिसाचार्य) जो बिलासपुर के पास रतनपुर में रहते हैं, दो दिन बाद मेरा और माँ का रतनपुर जाना तय हुआ, कुंडली मिलाने के लिए,
कुंडली मिलन का क्या हुआ ये अगली पोस्ट में तब तक के लिए प्रणाम, !!!!

Friday, January 28, 2011

माफ़ कीजियेगा ब्लॉगर्स

प्रिय ब्लॉगर्स,
जिस बहन के बारे में अभी तक लिख रहा था,, उसकी फरवरी में शादी हो चुकी है,, और १ अक्टूबर के दिन एक सड़क हादसे में मेरे जीजाजी मतलब बहन के पति की मौत हो गई,, इसलिए मैं लिख नहीं पा रहा था, लेकिन अभी १७ जनवरी को बहन को प्यारा सा लड़का हुआ,, अब कल से आगे की कहानी पढियेगा,, और ये सच में मेरी सच्ची कहानी है,,
अगली बार तक के लिए प्रणाम